कंप्यूटर की प्रॉब्लम प्रेषक : राज़ शर्मा मैं सनी भोपाल से, मेरी उम्र ३० साल है। यह बात उस समय की है जब मैं कंप्यूटर का कोर्स कर रहा था। मुझे उस समय कंप्यूटर ठीक करने के लिए लोगों के घर पर भी जाना पड़ता था। एक बार की बात है, मेरे एक सीनियर ने मुझे एक पता दिया और कहा कि इस घर में जाकर इनकी प्रॉब्लम देखना है। मैंने जाने से पहले वहाँ काल किया तो उन्होंने कहा कि दो बजे के बाद आना। मैं उनके घर अढाई बजे गया तो एक बहुत ही प्यारी सेक्सी लड़की ने दरवाजा खोला, उम्र कोई अट्ठारह-उन्नीस साल होगी। मैंने उससे पूछा कि कम्प्यूटर में क्या प्रॉब्लम है तो उसने कहा की काम करते समय कंप्यूटर कभी भी बंद हो जाता है। मैंने कंप्यूटर ऑन किया और चेक किया तो पता लगा कि वायरस के कारण परेशानी हो रही थी। मैंने वायरस हटा दिया और उसे चेक करने को कहा। लेकिन उससे पहले उसने कहा कि आप क्या लोगे- चाय या ठंडा? मैंने उसे कहा कि पहले चेक कर लो फिर देखते हैं। उसने चेक किया और कहा कि आप कोई मूवी लगा कर छोड़ दो, कुछ देर में अगर बंद नहीं होता है तो ठीक है। मुझे उसमें कहीं भी कोई मूवी नहीं दिखी तो मैंने उससे कहा- मूवी तो नहीं है ! तो उसने आकर एक फाइल खोल दी, वो अंग्रेजी मूवी थी। वो लगाकर किचन में चली गई। कुछ देर में उसमें सेक्स के सीन आने लगे तो मैंने फाइल को बंद कर दिया। उसने आकर कहा- प्रॉब्लम आई? मैंने कहा- प्रॉब्लम तो नहीं आई ! तो उसने कहा कि मूवी बंद क्यों कर दी? उसने फिर से मूवी चालू कर दी। जैसे ही मूवी में सेक्स के सीन आये तो मैं उठकर बाहर जाने लगा। उसने कहा- क्या हुआ? मैंने कहा- अगर ऐसी मूवी देखेंगे तो कुछ हो जायेगा ! वो बोली- कुछ नहीं होगा ! मैं भी बैठ गया लेकिन कुछ देर बाद वो मेरे साथ वाली कुर्सी के पास आकर खड़ी हो गई। अब मुझसे भी सब्र नहीं हो रहा था सो मैंने भी उसे पकड़ अपनी गोद में बिठा लिया। वो कुछ नहीं बोली। मैंने उसके वक्ष पर हाथ रख दिया तो बोली- यही प्रॉब्लम है ! फिल्म पूरी नहीं देख पाती ! अकेले में देखकर फिल्म बंद करनी पड़ती है ! अब वो खुल कर मेरा साथ दे रही थी। बोलने के बाद उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में अन्दर कर दी। अब मैं भी उसे चूसने लगा। धीरे-धीरे मेरा हाथ उसके स्तनों को मसलते हुए उसके पेट तक चला गया। मैंने फ़ौरन उसका टॉप उतार दिया। कसम से ऐसे स्तन अपने जीवन में कभी नहीं देखे। जैसे ही वो ब्रा से आजाद हुए, मैंने एक चुचूक को मुंह में भर लिया। उसे भी जवानी का मजा आने लगा। उसने जोश में आकर मेरी पैंट के अन्दर हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ लिया और उसे आगे पीछे करने लगी। अब हम दोनों अपने बस में नहीं थे। मैंने बिना देर किये उसका स्कर्ट उतार दिया और उसकी क्रीम रंग की पैंटी उतार दी। उसकी चूत पे हल्के से बाल थे। मैंने उसकी चूत में एक ऊँगली डाल दी। उसने एक हल्की सी आह भरी। अब वो अपने पंजे के बल बैठ कर मेरी पैंट खोल के मुझे पूरा नंगा किया, एक झटके से वो मेरा लंड पकड़ कर अपने मुंह में लेकर प्यार से चूसने लगी। मैं तो जन्नत की सैर कर रहा था। अब वो कहने लगी- फिल्म को पूरा करो! मैंने उसे वहीं सोफे पे लिटाया और उसके चुचूक चूसने लगा। साथ में उसकी चूत में ऊँगली करने लगा और वो आह आह कर रही थी। वो बोली- अब सब्र नहीं हो रहा है, कर दो पूरा ! मैंने उसकी टाँगें उठाकर अपने लंड को उसकी बुर के मुंह पर रखा और एक हल्का सा धक्का दिया। लेकिन वो कुंवारी थी इसलिए लंड आसानी से नहीं गया तो मैंने उससे कहा- थोड़ा दर्द होगा ! तो वो बोली- परवाह मत करो ! लेकिन आज खुश कर दो ! इस बार मैंने उसे कमर से पकड़ के लंड को बुर के मुंह में रखकर तेजी से धक्का दिया मेरा लंड सीधे उसके बुर में तीन इंच तक चला गया। उसके आंसू आ गए और निकालने को कहने लगी। लेकिन मैं कुछ देर रुका और उसके स्तन चूसने लगा। इससे उसे दर्द कुछ कम लगा और नीचे से कमर उठाने लगी। फिर मैं उसके होठों को चूमने लगा और उसकी कमर को कस के पकड़ के एक जोर से धक्का मारा। इस बार मेरे पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में चला गया लेकिन होंठों पर होंठ रखे होने के कारण उसकी आवाज बाहर नहीं आ पाई। थोडी देर शांत रहने के बाद वो बोली- अब जितनी तेजी से कर सकते हो, करो ! फिर मैं भी जोर से अन्दर बाहर करने लगा और वो भी इस काम में मेरा साथ देने लगी, वो कहने लगी- मेरे अन्दर से कुछ निकल रहा है ! थोड़ी देर में मुझे भी लगा कि मेरा भी निकल रहा है तो मैंने उसके मुंह में दे दिया। वो प्यार से चूसने लगी। मैंने उसके मुंह में अपना सारा रस दे दिया, वो भी प्यार से पी गई। इसके बाद उसने मेरे लंड को चाट के साफ कर दिया तो मैंने पूछा- अब तो कोई प्रॉब्लम नहीं कंप्यूटर में? तो वो हंस के बोली- अब प्रॉब्लम होगी तो काल कर दूँगी। मैंने उससे कहा- कंप्यूटर ठीक करने का चार्ज ऑफिस में देना होता है ! तो वो बोली- ऑफिस के चार्ज के अलावा तुम्हारा इनाम भी लो ! उसने मुझे दो सौ रूपये ऑफिस के और मुझे एक प्यारा चुम्बन और एक हजार रूपये दिए और कहा- प्रॉब्लम होने पर आ जाना ! मैंने भी उसे एक किस देकर वादा किया और वहां से चला गया। उसके बाद उसने अपनी एक सहेली को बुलाया और मैंने उसकी भी प्रॉब्लम ख़त्म की लेकिन वो फिर कभी ! बस मेरे लिए फ्री रहनामेरी पिछली कहानी कंप्यूटर की प्रॉब्लम पढ़कर मेरे पास बहुत से ईमेल आये। एक महिला नाम सोनिया (नाम मैंने बदल दिया है), जिसकी उम्र 28 साल थी, उसका मेल आया कि वह मेरी कहानी से बहुत प्रभावित हुई है और मुझसे मिलना चाहती है, उसने अपना बताया, वो पेशे से डॉक्टर है। लेकिन हम दोनों अलग शहर में रहते हैं व हम दोनों ही पेशे में है तो हमारे बीच जगह की समस्या आई। लेकिन कुछ दिनों बाद ही मुझे अपने काम से दिल्ली जाना था तो उसे मैंने बताया तो वो भी वहाँ आने को मान गई। हम दोनों ने स्टेशन पर मिलने का कार्यक्रम बनाया। मैं मन ही मन सोच रहा था कि पता नहीं वो दिखने में कैसे होगी ! मैं अपने समय पर दिल्ली पहुँचा, थोड़ी देर में वो भी वहाँ आ गई लेकिन जब मैंने उसे देखा तो लगा कि मैं कोई सपना देख रहा हूँ क्योंकि उसका फिगर आयशा टाकिया की तरह था 36-28-36, वैसे ही मस्त वक्षस्थल और भरा हुआ बदन, कद 5'4" ! वो आई और हाथ मिला कर कहा- मैं सोनिया हूँ और आप सनी हो ना ? मैं चुप रहा तो उसने कहा- क्या हुआ? मैंने कहा- मुझ पर बम गिर गया ! वो हंसने लगी, फिर उसने कहा- क्या कार्यक्रम है ? मैंने होटल में चलने का कहा तो उसने मना कर दिया और पार्किंग की तरफ चल दी। मैं भी उसके पीछे हो लिया। कार में बैठने के बाद उसने कहा- अगर दिक्कत ना हो तो मेरी सहेली के घर चलते हैं क्योंकि उसके घर की चाबी मेरे पास है और मेरी सहेली वो भी डॉक्टर है काम के सिलसिले मैं बाहर गई है। करीब एक घंटे में हम उस घर में पहुंचे जो एक शानदार फ़्लैट था। फ़्लैट में पहुँचने के बाद उसने कहा- अगर जल्दी ना हो तो आज की मुलाकात को एक यादगार मुलाक़ात बनाया जाए ! सच कहूँ दोस्तो, मैं उसकी किसी बात को मना ही नहीं कर पा रहा था, पता नहीं एक अजीब सा जादू हो गया था उसके रूप का मुझ पर ! एक पड़ी लिखी सभ्य यौन-साथी मिल जाये तो सेक्स का मजा दोगुना हो जाता है। उसने कहा- अगर पहले फ्रेश हो जाएँ तो अच्छा रहेगा। मैंने भी कहा- अगर साथ में फ्रेश हो तो ज्यादा अच्छा रहेगा ! उसने कहा- ठीक है ! वो मेरे पास आई और कहने लगी- चलो, साथ में नहाते हैं। मैंने जैसे ही उसे छुआ तो वो कहने लगी- आज तीन साल बाद किसी आदमी ने मुझे हाथ लगाया है क्योंकि मेरे पति की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतारे लेकिन पूरे नंगे नहीं हुए। बाथरूम में जाकर शावर के नीचे नहाए। हालाँकि वहाँ हम दोनों ने एक दूसरे के बदन को नहलाया लेकिन हम दोनों ने वहाँ पूरे संयम से काम लिया। नहा कर हम कमरे में आये, वो सिर्फ ब्रा पेंटी और मैं अंडरवियर ही पहने था। यह सब करते हुए ग्यारह बज गए थे। मुझे सेक्स तो करना था लेकिन हमें जल्दबाजी में कुछ नहीं करना चाहते थे। वो रसोई में गई और जूस के साथ नाश्ता ले कर आई तो मैंने कहा- फ्रेश दूध के होते हुए जूस की क्या जरुरत है ! तो वह सिर्फ मुस्कुरा दी, उसने कहा- कुछ देर बाद बिस्तर से नहीं उठने दूँगी इसलिए बाकी के काम ख़त्म कर लो ! हम दोनों एक दूसरे के पास बैठकर नाश्ता करने लगे। इधर उधर की बात करते हुए हमने नाश्ता ख़त्म किया। अब हम दोनों आज़ाद थे, वो बिस्तर पर आई और मेरे करीब आई। अब मैंने उसे अपनी छाती से लगा लिया। एक अजीब से गर्मी का एहसास हुआ मुझे ! अब मैंने उसके होंठों का रस पीना शुरू किया वो भी इस रसपान का मजा लेने लगी। धीरे धीरे मैं अपने हाथों से उसकी ब्रा के ऊपर से उसके स्तनों को हलके से मसलने लगा। उस पर एक अजीब सी मदहोशी छाने लगी, उसने कहा- मैं तीन साल से प्यासी हूँ ! आज मुझे अपनी प्यास बुझानी है ! मैंने उसकी ब्रा खोल दी। वो मुझे बिस्तर पर लिटा कर मेरे ऊपर बैठ गई और अपने रसभरे दूध का रस पिलाने लगी। मेरा लंड तो खड़ा हो ही चुका था जिसका एहसास उसे भी हो रहा था। वो ऐसे ही मेरे लंड को अपने चूत पर पैंटी के ऊपर से रगडती रही और अपना दूध पिलाती रही। अब मैंने उसकी पैंटी के अन्दर भी अपनी उंगली घुमानी शुरू कर दी। अब उसकी बर्दाश्त से बाहर हो रहा था, वो कहने लगी- सनी, अब पूरी प्यास बुझा दो ! लेकिन मैंने कहा- अभी रुको ! अभी तो बहुत कुछ बाकी है ! लेकिन उसने कहा- मैं आज तुम्हारी हूँ ! सब करना लेकिन अभी तुरन्त चूत में डालो ! मैंने उसकी और अपनी चड्डी उतार दी और उसको लिटाकर उसकी दोनों जांघों के बीच में आ गया। मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ लगा दी, ऐसा लगा कि मैंने किसी तपती हुई चीज को छू लिया ! वो तड़प उठी ! मैंने भी देर ना करते हुए अपने लंड को उसके चूत के मुँह में रखा और हल्का सा धक्का मारा। लेकिन उसकी चूत बहुत कसी हुई थी इसलिए आसानी से नहीं गया। मैंने जोर लगा कर धक्का मारा तो मेरा आधा लंड अन्दर जा चुका था। उसके मुँह से आह निकल गई, मैं समझ गया कि यह सचमुच बरसों की प्यासी है ! मैं उसी हालत में उसके होंठों को चूसने लगा और हाथों से उसके स्तन दबाने लगा। थोड़ी देर में ही वो खुद धक्के लगाने लगी। मैंने भी एक और धक्के के साथ पूरा लंड उसकी चूत में अन्दर कर दिया। अब वो मेरा साथ देने लगी। पांच मिनट में ऐसा लगा कि उसने एक तेज धार के साथ अपना रस निकाल दिया। अब मैंने भी तेजी से करना शुरू किया। थोड़ी देर में मैं भी खाली हो गया और ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया। उसने मुझे होंठों पर चूमा और कहा- आज मैं पहली बार इतनी जल्दी झड़ी हूँ ! मैंने कहा- अभी तो तुमने सिर्फ चूत में मेरे लंड का स्वाद लिया है ! वो मेरा मतलब समझ गई। कुछ देर बाद उसने मुझे लिटा कर मेरे पूरे बदन को चूमा, फिर मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। सोनिया ने कहा- अब मैं सवारी करुँगी ! उसने मेरे लंड को अपने हाथ से चूत के मुँह में रखा और धीरे धीरे उसे पूरा अपनी चूत में छुपा लिया। धीरे धीरे उसने मेरे लंड को अन्दर-बाहर करना शुरू किया। करीब बीस-पच्चीस मिनट के बाद हम दोनों खाली हो गए। उसने कहा- अब मैं खुश हूँ ! मैंने उसकी गांड की तरफ इशारा किया तो उसने मना कर दिया और कहा- मैं इस ख़ुशी को दर्द में नहीं बदलना चाहती ! मैंने भी उससे जबरदस्ती नहीं की क्योंकि मेरा मानना है कि प्यार से करो तो मजा आता है वरना नहीं ! उसने पूछा- तुम्हें वापस कब जाना है? मैंने कहा- अब आज तो मेरा काम नहीं हो पायेगा तो कल ही जा पाऊंगा। उसने कहा- अगर तुम जाना भी चाहते तो भी मैं तुम्हें नहीं जाने देती ! इसके बाद हम लोग घूमने निकल गए और डिनर करके वापस आये। हमने उस रात हमने तीन बार सम्भोग किया। अगले दिन सुबह उठ कर नहाकर हम अपने काम के लिए जाने लगे तो उसने कहा- एक बार प्यार करना है ! हमने एक बार फिर वही प्यार का खेल खेला लेकिन उसके बाद हम दोनों को फिर से नहाना पड़ा, मतलब कि एक दूसरे को नहलाना पड़ा ! जब मैं तैयार हो रहा था तो उसने मुझे दस हजार रूपये का बण्डल दिया। मैंने उसे कारण पूछा तो कहने लगी- तुम्हें जो एक दिन का नुकसान हुआ ! उसके लिए मेरे मना करने के बाद भी वो नहीं मानी, उसने वो बण्डल मेरे बैग में रख दिया। जब उसने मुझे अपनी कार से छोड़ा तो कहा- तुम कुछ भी काम करो, कहीं भी करो लेकिन मेरे लिए फ्री रहना ! मैं जब भी अपने शहर से बाहर जाऊँगी तो तुम्हें बता दूंगी और तुम्हें आना पड़ेगा ! मैंने भी उसे एक प्यारी सी किस देते हुए उसे आने का वादा किया। जब मैंने उसे पूछा- अपनी सहेली से फ्लैट क्या कह कर लिया? तो उसने बताया- मैंने उसे सब बता दिया था। और मेरी सहेली भी मुझसे मिलना चाहती थी लेकिन काम के कारण नहीं मिल पाई। उसने कहा कि अगली बार वो दोनों साथ में मिलेंगी मुझे ! बात करते हुए मैं वहाँ पहुँच गया था जहाँ मुझे आपने आफिस का काम था। मैंने उसे एक चुम्बन देकर विदा किया इस वादे के साथ कि फिर जल्दी मिलेंगे ! इसके एक महीने के बाद उसने मुझे काल किया मिलने के लिए उसी जगह पर लेकिन इस बार सहेली के साथ ! वो कहानी अगली बार ! |