Jun 12, 2011

Desi Erotic Story : मैं, वो और उसकी बेटी

मैं, वो और उसकी बेटी

प्रेषक : महेश शाह

यह एक सच्ची कहानी है, मानो या न मानो, आज से तीन साल पहले शुरू हुई और आज भी जारी है।

मेरा नाम महेश शाह, उम्र 39 साल, एक बैंक ऑफिसर हूँ और वदोदरा में रहता हूँ।

बैंक में एक दिन 36-37 साल की एक महिला मेरे पास आई।

उससे ऐसे ही मैंने उसके पति बारे में पूछा, तो वह बोली- वो तो हमेश बाहर ही रहते हैं।

तो मैं बोला- तो फिर आप बोर हो जाती होगी?

वह बोली- हाँ ! आप आओगे मुझे कंपनी देने?

तो मैंने कहा- क्यों नहीं !

शनिवार को आधे दिन का काम होता हे बैंक में, एक शनिवार मैं उसके घर गया। उसकी एक बेटी है, वो तब स्कूल गई हुई थी। घर पर और कोई नहीं था।

उसने मुझे बिठाया और गर्म कॉफ़ी लेकर आई और मेरे बाजू में बैठ गई। उसने सिर्फ एक गाउन पहना था, अंदर कुछ नहीं पहना था।

बातों ही बातों में, उसने मेरी दो जांघों के बीच हाथ रख दिया।

मैं तैयार था, मैंने भी उसके वक्ष पर हाथ रख दिया। उसके स्तन बहुत ही बड़े थे, पर एक लड़की माँ होने की वजह से थोड़े नर्म थे।

मैंने उसका गाउन निकल दिया। अब वह पूरी नंगी थी, मैंने उसके स्तन चूसना शुरु किया। दोनों स्तनों के चुचूक बारी-बारी चूसने लगा। फिर मैं नीचे लेट गया और उसको ऊपर की तरफ उल्टा करके उसकी भोंस चाटने लगा, और ऊपर से वह मेरे पैर की तरफ मुँह करके मेरा बड़ा लण्ड चूसने लगी। दस मिनट तक हम एक दूसरे की चूसते रहे। फिर, मैंने उसे चार पैरों पर करके पीछे से कुत्ते की तरह चोदना शुरु किया। उसकी चूत बहुत बड़ी थी, 15 मिनट तक चुदने के बाद वो थक गई और नीचे लेट गई। मैंने उसके दोनों पैरों के बीच जाकर उसे चोदना शुरु किया और जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगा।

उसकी भोंस में से पानी निकल रहा था और छप-छप, पुच-पुच की आवाजें आ रही थी। वह मुझे और जोर से, और जोर से, जल्दी जल्दी चोदने को कह रही थी, उसका पूरा बदन कांपने लगा, उसकी चूत लपकारे मारने लगी थी। उसे बहुत ही मजा आ रहा था, वह अब चरम सीमा पर आने लगी थी, वह छटपटाने लगी थी, मुँह से आवाजें निकल रही थी और वह जोर से चीखी। उसकी भोंस में से पानी का एक फव्वारा उठा, वह अब झड गई थी और आहें भर रही थी। वह अब ठण्डी हो रही थी। मैंने भी आखिर उसे जोर-जोर से चोद के अपना वीर्य उसकी भोंस में ही निकाल दिया।

वह मुझे जोर से पकड़ कर चूम रही थी, वह बहुत ही खुश थी, कहने लगी- अब किसी और से कभी नहीं चुदवाऊँगी।

फिर हम दोनों हर शनिवार को चुदाई करते थे। वह मुझे हमेशा कोई न कोई बड़ा उपहार देती थी।

एक शनिवार को हम दोनों बिस्तर पर पूरे नंगे होकर चुदाई रहे थे....

उस वक्त उसकी बेटी स्कूल से जल्दी वापस आ गई। हम चुदाई में मशगूल थे। घर में और कोई नहीं था इसलिए हम बेडरूम का दरवाजा बंद करना भूल गए थे। वह हमें बाहर से देख रही थी। उसे देखने में मजा आ रहा था और छुप-छुप कर देख हमें चुदाई करते रही थी। और अपने दोनों स्तन अपने हाथों से दबा रही थी।

अचानक मेरी नज़र उस पर पड़ी। मैंने चोदते हुए ही उसकी माँ के कान में कहा- तुम्हारी बेटी आ गई है और हमें देख रही है।

वह घबरा गई- अब क्या होगा?

तो मैंने उसे कहा- उसको चुप करने का एक ही तरीका है- उसे भी चोद डालो।

उसकी माँ ने कहा- वो चिल्लाएगी तो?

तो मैंने कहा- वो हमें देख कर मजे ले रही है, उसका भी चुदवाने का मन होगा। एक बार मैं उसे चोद डालूँगा तो फिर वो बार-बार मुझसे ही चुदवायेगी। और वैसे भी वो आज नहीं तो कल, स्कूल या कॉलेज में किसी आवारा लड़के से चुदवायेगी ही। उससे बेहतर है कि मैं ही उसे घर में ही चोदूँ। उसकी हवस भी मिट जाएगी और पढ़ाई में भी ध्यान दे पाएगी।

तो उसनी माँ ने कहा- ओ के ! ठीक है।

मैं एकदम से उठ कर नंगा ही कमरे के बाहर आ गया। उसकी बेटी कुछ समझे, उससे पहले ही मैंने उसके पीछे से उसके दोनों स्तन पकड़े और उठाकर कमरे में ले आया। वो छटपटा रही थी और "मुझे छोड़ दो" कह रही थी। मैंने उसकी एक न सुनी, उसके स्तन दबाते हुए उसके शर्ट के बटन खोल डाले, और उसकी ब्रा निकल दी। उसके स्तन छोटे पर कड़क थे। मैंने उसके चुचूक चूसने शुरु किये, वो छटपटा रही थी और छुटने की कोशिश कर रही थी। मैंने उसकी माँ को उसकी पैंटी निकालने को कहा। फिर मैंने उसकी भोंस पर हाथ फेरना शुरु किया। उसकी भोंस गुलाबी थी और बाल आने शुरु नहीं हुए थे।

मैंने उसकी भोंस पर जीभ फेरना शुरु किया। उसकी माँ ने उसे पकड़ रखा था। थोड़ी देर भोंस चाटने के बाद उसने अपने पैर फ़ैला दिए। मैं समझ गया कि उसे अब मजा आने लगा है। वैसे भी वह हमें चुदाई करते हुए देख कर मजा ले रही थी। उसने अब छटपटाना बंद कर दिया था।

मैंने उसकी माँ को तेल लाने को कहा। मैंने अपने लण्ड पर चिकना कंडोम चढ़ा लिया और उसकी भोंस पर बहुत सारा तेल लगा दिया। उसकी भोंस पर लण्ड रख के उसकी भोंस में डाला। सिर्फ आगे का हिस्सा ही अंदर गया, भोंस में से खून निकला, वो अब फिर से चीखने लगी और छुटने की कोशिश करने लगी।

पर उसकी माँ ने और मैंने उसे कस के पकड़ रखा था ताकि मेरा लण्ड बाहर न निकल जाए। मैंने थोड़ी देर लण्ड ऐसे ही रहने दिया और उसकी भोंस और बदन को सहलाता गया। उसकी माँ भी उसके बदन को सहला रही थी और उसके बोल को चूस रही थी। उसने अपना सर माँ की छाती पर छुपा रखा था। अब उसकी भोंस में से पानी निकलना शुरु हुआ और उसने सामने से नीचे से हिलना शुरु किया। उसने मुझे अपनी ओर खींचा। मैं समझ गया कि वो चुदने को पूरी तरह तैयार है। मैं अब उसके ऊपर लेट गया। उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया। मैंने भी अब अपना लण्ड एक ही झटके में अंदर डाल दिया और धीरे-धीरे चोदना शुरु किया। उसकी भोंस, ऐसा लग रहा था मानो, अंदर से मेरे लण्ड को पकड़ कर सहला रही हो। आज मुझे पहली बार एहसास हुआ कि एक कुंवारी और जवान भोंस को चोदने में कितना मजा आता है।

वो आहें भर रही थी और नीचे से पूरी तरह हिल रही थी और मुँह से आह, ओह, उई माँ चिल्ला रही थी, मुझे अब वो जल्दी जल्दी चोदने को कह रही थी। उसकी माँ साथ में उसके चुचूक चूस रही थी और हमारे लण्ड और भोंस के मिलन-स्थान को सहला रही थी। उसकी भोंस से पानी बहता चला जा रहा था। उसकी चूत अंदर से लपलप कर रही थी, मेरे बड़े लण्ड को अंदर खींच रही थी और मेरे लण्ड को सहला रही थी।

मैं उसे जोर से चोदता चला जा रहा था। उसका पूरा बदन काँपने लगा। वह चरमसीमा पर थी, जोर से चिल्लाई तो मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल दिया ताकि मैं उसकी भोंस से पानी का फव्वारा फ़ूटता देख सकूँ।

उसकी माँ की तरह उसकी भोंस में से भी पानी का फव्वारा उठा। मैंने फिर मेरा लण्ड अंदर डाल दिया और उसे चूमने लगा, उसके होंठों और आँखों को चूमने लगा, उसे प्यार करने लगा। उसके पूरे चेहरे को चूमते हुए उसके सर पर हाथ फेरने लगा। वो अब बिल्कुल शांत हो गई थी, वो पूरी तरह संतुष्ट थी। उसे अब नींद आ रही थी।

पर मेरा निकलना अभी बाकी था। मैंने धीरे से अपना लण्ड बेटी की भोंस से बाहर निकला और अब उसकी माँ को चोदने लगा। वो भी आज पहले से ज्यादा गर्म थी क्योंकि हमें चुदाई करते हुए देख वो भी पानी पानी हो गई थी। मैंने उसे चोद कर उसका भी फव्वारा निकाल दिया और थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ गया।

उसकी माँ बहुत खुश थी कि मैंने उसकी बेटी की पहली चुदाई इतनी यादगार बनी, वरना किसी सिखधर लड़के से चुदवाती तो वो जल्दी झड़ जाता और उसकी बेटी की पहली चुदाई बिगड़ जाती।

मैं अब हर शनिवार को उसकी बेटी को गणित, इंग्लिश पढ़ाने के बहाने उसके घर जाता हूँ। उसकी बेटी घर पर होने की वजह से किसी को शक भी नहीं होता है। वो अब 19 साल की है और आज भी हम तीनों मिल कर मजे लेते हैं। कई बार उसकी सहेलियाँ भी चुदवाने आती हैं। मैंने आज तक उसकी दस से ज्यादा कुंवारी सहेलियों की कुंवारी भोंस को फाड़ा है। कुंवारी लडकियों की कुंवारी चूतों ने मेरा लण्ड खींच-खींच कर और भी बढ़ा कर दिया है।

उसकी बेटी ने आज तक किसी दूसरे लड़के को अपने नजदीक भी आने नहीं दिया है, कहती है- मैं अपनी हवस आपसे ही मिटाउंगी और किसी बड़े घर के मालदार लड़के से बाद में शादी कर लूंगी। उसकी हवस घर में ही मिट जाने की वजह से वो पढ़ाई में भी ध्यान देती है और अव्वल नंबर लाती है।

उसके घर उसकी एक बड़ी आंटी जो 61 साल की है, जो कहीं से उनके घर आई थी उसकी कहानी बाद में कभी।

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Stop Complaining


Female legs in focus

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Windows 8 - Expectations.

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When Windows 7 is about to be released, Microsoft is already hiring Windows 8 programmers (Source). Windows 8 is expected to be released on 2012. Though, many industry commentators are not expecting it to happen. Windows 8 is widely expected to adopt a more tablet-focused design.


Ribbon.

Ribbon UI has already shown up in Office and Paint in the Windows 7 version. Its already in Windows. Its just a matter of time before Microsoft fully implements it on all other of its programs.


App Store.
Another rumored change is inclusion of an app store, in which may explain the ongoing legal battle over that term with apple. But there are no indications how Microsoft will manage the countless thousands of apps available for Windows, or many other details about the store at this point.


Faster Startup.
Windows 8, according to the slides, will feature faster startup through a new feature that combines the Logoff and Hibernate states.

Push button reset.
This will allow you to re-install Windows with the push of a button. Most important is that Windows will retain all of your files, settings, applications, and so on, without wiping them out.


128-bit
The one thing that does seem to be on the agenda for Windows 8 is support for 128-bit architectures. A senior Microsoft researcher recently posted details on LinkedIn regarding his day-to-day work at the company. [http://blog.eightforums.com/windows_8/windows-8-x128-the-next-pc-revolution-has-is-begun/] Among the details were indications that Windows 8 would include 128-bit support. Adding this to Windows 8 makes sense in terms of the evolution of hardware, even though most current users are still on 32-bit machines.
A 128-bit version of Windows 8 may well be overkill - 64-bit versions are still mostly under-utilised at this point - but in the long-term view it could become standard issue. If rumours are true that Intel and Microsoft are working on the 128-bit project together then Windows 8 and 128-bit processors could well suddenly start appearing around 2012.


Other rumored changes includes, new installation system, native ISO mounting, as well as windows own PDF reader.

If Movie Posters Were Completely Honest

Ако филмовите афиши бяха честни / If Movie Posters Were Completely Honest

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