Nov 16, 2011

Desi Erotic Story : Har Roz Karoge

हर रोज करोगे?

प्रेषक : सागर

मीना के जाने के बाद मैं सोचता रहा कि अब क्या होगा। मुझे पता ही नही चला कि कब मुझे नींद आ गई और जब उठा कर देखा तो आंटी मेरी मम्मी से बात कर रही हैं।

मेरी आँखों की नींद ही गायब हो गई, मुझे लगा कि आंटी मम्मी को सब कुछ बता देंगी। मैं वापिस अपने कमरे में आ गया और सोचने लगा कि अब क्या होगा?

फिर मैंने सोचा- जो होगा देखा जायेगा !

और मैं वहीं लेट गया !

कुछ देर बाद मम्मी की आवाज आई- सागर !

तो मैं एकदम डर गया, सोचा- क्या होगा अब?

और मैं डरते हुए उठ कर मम्मी के पास गया- क्या है मम्मी?

मम्मी बोली- तुम डरे हुए से क्यों लग रहे हो?

इससे पहले कि मैं कुछ कह पाता, तभी आंटी ने कहा- सागर, हमारे घर का टीवी खराब हो गया है तुम उसे ठीक करा दोगे क्या?

मम्मी ने कहा- जाओ सागर, करा लाओ ठीक !

मैं वहाँ से चला गया।

मैं आपको आंटी के बारे में बता दूँ- आंटी का बदन 36-32-36 का है और वो दिखने में अच्छी हैं।

टीवी ठीक करा कर मैं आंटी के घर ले गया और कहा- आंटी, मैं जा रहा हूँ।

तो आंटी बोली- रुको सागर ! चाय तो पी लो !

मैंने कहा- ठीक है !

फिर आंटी चाय बनाने के लिए रसोई में चली गई और मैं टीवी देखने लगा।

कुछ देर बाद आंटी आई पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं आंटी की ओर देखूँ।

हम दोनों ने चाय पी, फिर मैं वहाँ से जाने लगा।

आँटी ने कहा- सागर, उस दिन कौन थी वो लड़की?

तो मैंने कहा- कोई नहीं.......

आंटी बोली- अगर तुम मुझे नहीं बताओगे तो मैं तुम्हारी मम्मी को सब कुछ बता दूंगी।

मैंने कहा- आंटी, ऐसा मत करना !

आंटी ने कहा- ठीक है, तो मुझे बताओ कि वो कौन है?

मैंने कहा- वो मेरे कॉलेज में पढ़ती है !

फिर मैंने कहा- आंटी, यह बात किसी को मत बताना !

तो आंटी ने कहा- नही बताऊँगी पर तुमको मेरा एक काम करना पड़ेगा !

मैंने कहा- कैसा काम? बोलो !

आंटी ने कहा- जो तुमने उसके साथ किया है, वो मेरे साथ भी करने पड़ेगा।

मैंने कहा- ऐसा नही हो सकता !

तो आंटी ने कहा- क्यों?

मैंने पूछा- अंकल नही करते क्या आपके साथ?

तो आंटी ने कहा- करते हैं पर तुम बताओ कि करोगे या नहीं?

तो मैंने कहा- ठीक है !

फिर मैंने कहा- आज नहीं, फिर कभी !

उन्होंने कहा- आज क्यों नहीं?

तो मैंने कहा- बस ऐसे ही !

फिर आंटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें चूसने लगी।

फिर मुझसे भी रहा नहीं गया और मैं भी उनके होंठो को चूसने लगा। वो एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी और दूसरे हाथ को मेरे शरीर पर फिरा रही थी। मैंने एक हाथ से उसकी चूची दबानी शुरु कर दी और दूसरे हाथ से उसकी चूत को सहला रहा था।

वो मुँह से आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईई की आवाजें निकाल रही थी। फिर मैंने उसके कमीज को उतारा, ब्रा के ऊपर से ही चूचियों को चूसने लगा और एक उनकी चूत पर और दूसरा हाथ उनकी गांड को सहला रहा था।

फिर मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और उसकी चूचियो को जोर जोर से चूसने लगा।

वो कह रही थी- पी जाओ मेरा सारा दूध ! जोर जोर से चूसो ! ओह्ह्ह्ह्ह उईईईए मीईईए अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईई !

मैंने फिर एक हाथ को उसके पेट से सरकाते हुए उसकी सलवार को उतारा और पैंटी के ऊपर से ही हाथ फ़िराने लगा, वो मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही सहला रही थी।

फिर मैं उनको बिस्तर पर लिटा कर उनकी चूचियों को चूसने लगा और काटने लगा। वे मेरा सर पकड कर अपनी चूचियों में गाड़ने लगी और अह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह उईईई सीईईईईईए की आवाजें निकालने लगी। फिर मैंने अपने होंठो से उसके पेट को चूमा और नीचे चूत तक चूसता रहा और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चूसने लगा। फिर मैंने उनकी पैंटी को उतार दिया। उनकी चूत से पानी निकल रहा था, मैंने अपनी जीभ से चूत को साफ़ किया और जीभ से चोदने लगा।

आंटी जोर जोर से अह्ह्ह्ह्ह सीईईए उईईईईए उफ्फफ्फ्फ़ की आवाजें निकाल रही थी। फिर आंटी ने मेरा सर पकड़ा और दबाने लगी मैं भी पूरे जोश के साथ आंटी की चूत को चोद रहा था। करीब 10 मिनट तक मैं आंटी की चूत को चूसता रहा, फिर आंटी बोली- हट जाओ, मैं झरने वाली हूँ।

मैंने कहा- आंटी, मेरे मुंह में ही झरो !

इतना कहने पर आंटी की चूत से बहुत सारा पानी निकला और मैंने वो सारा का सारा पानी पी लिया।

आंटी उठी और मेरी पैंट को उतार कर मेरे लंड को सहलाने लगी और फिर मुँह में लेकर चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। आंटी लंड को लोलीपोप की तरह लंड को चूस रही थी। करीब 5 मिनट चूसने के बाद मैंने आंटी को कहा- आंटी, मेरा निकलने वाला है !

तो आंटी ने कहा- मुंह में ही झर जाओ !

मैंने अपना सारा का सारा पानी आंटी के मुँह में निकाल दिया। आंटी बड़े प्यार से सारा पानी पी गई और मेरे लंड को साफ़ दिया।

फिर मैं और आंटी एक दूसरे को चूसने लगे। करीब 20 मिनट के बाद हम फिर से गर्म हो गए। आंटी ने कहा- सागर अब रहा नहीं जा रहा है, तुम मुझे चोद दो !

मैंने कहा- ठीक है आंटी !

मैंने आंटी की दोनों टांगों को अपने कंधों पर रखा और लंड को उसकी चूत पर रखा और एक धक्का मारा। मेरा पूरा लंड आंटी के चूत में चला गया। आंटी ने कहा- जोर जोर से चोदो मुझे ! आज मेरी प्यास बुझा दो ! अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह सीईईईईई !

मैंने अपनी गति बढ़ा दी और आंटी को जोर जोर से चोदने लगा। पूरा कमरा आंटी की सिसकारियों से गूंज रहा था और वो सिसकारियाँ मुझे अच्छी लग रही थी। उनको सुन कर मैं पूरे जोश के साथ आंटी की चुदाई कर रहा था। आंटी ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह उईईई सीईईईई की आवाजें निकाल रही थी और कह रही थी- चोदो सागर जोर से ! और जोर से ! आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो !

करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद आंटी ने कहा- मैं झरने वाली हूँ।

इतना कहने के बाद आंटी झर गई, मैं तब तक नही झरा था।

फिर आंटी ने कहा- तुम लेट जाओ !

आंटी मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी और लंड के ऊपर बैठ कर ऊपर-नीचे होने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। आंटी पूरे जोश के साथ ऊपर-नीचे हो रही थी। मेरा पूरा लंड आंटी की चूत को फाड़ता हुआ उनकी बच्चेदानी को छू रहा था और आंटी जोर जोर से चिल्ला रही थी- अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उईई उफफ्फ्फ्फ़ मर गई !

करीब 5 मिनट तक आंटी मेरे ऊपर रही और फिर मैंने आंटी को कहा- आंटी, मैं तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ !

तो फिर आंटी घुटने के बल बैठ गई और मैं आंटी के पीछे जाकर एक ऊँगली उसकी गांड में और एक उसकी चूत में डालकर अंदर-बाहर करने लगा और फिर मैंने अपना लंड पकड़ा और आंटी की गांड पर रख कर एक जोर का धक्का मारा। मेरा आधा लंड आंटी की गांड में उतर गया।

आंटी ने एक जोर की चीख मारी- उईईईए माँ ! मर गई !

मैं आंटी की चूचियों को सहलाने लगा ताकि उनका दर्द कम हो जाये। जब दर्द कम हुआ तो आंटी आगे पीछे होने लगी। मैंने फ़िर एक जोर का धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया। आंटी जोर से बोली- सागर, निकालो इसको ! दर्द हो रहा है !

मैंने कहा- अब मजा भी आएगा !

और मैं जोर-जोर से लंड को उसकी गांड में ठोके जा रहा था।

कुछ देर बाद आंटी कह रही थी- और जोर से सागर ! और जोर से !

मैं भी पूरे जोर से आंटी को चोद रहा था। करीब 10 मिनट बाद मैंने कहा- आंटी, मेरा निकलने वाला है !

तो आंटी ने कहा- मेरे मुंह में झरो !

तो मैंने अपना सारा पानी आंटी के मुंह में डाल दिया, आंटी सारा पानी पी गई और मेरे लंड को पूरी तरह से साफ़ कर दिया।

फिर आंटी ने कहा- आज तो मजा आ गया !

मैंने कहा- आंटी, अब मैं चलता हूँ।

तो आंटी बोली- चले जाना ! मुझे तुमसे कुछ कहना है।

मैंने कहा- क्या?

आंटी बोली- तुम्हारे अंकल तो महीने-महीने में आते हैं, क्या तुम मेरे साथ ऐसा हर रोज करोगे?

तो मैंने कहा- क्यों नहीं मेरी जान ! अब तुम मेरी हो।

मैं करीब दो साल तक आंटी की, मीना की चुदाई करता रहा। मीना की शादी हो चुकी है और अंकल की बदली हो चुकी है। अब मैं फिर से अकेला हो गया हूँ।

दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी कहानी?