Sep 20, 2011

Hindi Erotic Story :Hawa Lag Gayi

हवा लग गई

प्रेषिका : प्रिया जैन

मैं प्रिया आप सब लोगों को नमस्कार करती हूँ।

मैं एक छोटे से शहर में रहती हूँ। मैं एक पड़ी लिखी लड़की हूँ। मुझे सेक्स बहुत ज्यादा पसंद हैं लेकिन घर वालों से डर कर कभी कोई गन्दा काम नहीं किया। मैंने जैसे ही नैनीताल में कॉलेज़ में दाखिला लिया तो मेरे पंखों को तो हवा लग गई। मैं लड़कों के साथ दोस्ती करने लग गई।

मेरी क्लास में मेरा एक दोस्त था जिसका नाम था नितिन ! वो बहुत ही होशियार लड़का था। मुझे तो शुरू से ही पसंद था लेकिन उसका क्लास की एक लड़की के साथ चक्कर था, वो इतना सीधा होते हुए भी उसके साथ चुम्मा चाटी करता था। वो मेरे हाथों से कितनी बार फंस भी गया था पर पता नहीं मुझे उससे क्यों फिर भी प्यार आता था। वो जो लड़की थी वो क्लास की सबसे बदनाम लडकी थी, मुझे तो उस लड़की पर इतने गुस्सा आता था कि क्या बताऊँ। वो उसके साथ बैठ कर जैसे मुझे रोज चिढ़ाती थी। पर पता नहीं कैसे उन दोनों का सम्बन्ध विच्छेद हो गया। वो दिन मेरी जिंदगी का सबसे हसींन दिन था। मैं उस दिन जम कर नाची।

नितिन और मेरे बीच मैसेज का आदान-प्रदान होता था तो ऐसे ही एक दिन मैंने उसको आई लव यू लिख कर भेज दिया।

तो उसका फ़ोन आ गया मैंने उससे सारी बात कह डाली। उसने भी हाँ कर दी, मैं खुशी से झूम उठी। मुझे लगा कि मेरा अपने प्रियतम से चुदने का सपना पूरा हो जाएगा। अब मैं और नितिन रोज़ साथ साथ जाते और खूब मजे करते थे। हमें कोई रोकने-टोकने वाला ना था।

मैं अक्सर नितिन से पूछती थी कि तुमने उस लड़की के साथ कुछ ज्यादा तो नहीं किया।

तो वो बोलता था- नहीं जानेमन ! मैं तो बस चुम्मा वगैरा लिया करता था।

हम रोज़ मिलते तो वो मेरे स्तन दबा देता था और कभी मेरे चूतड़ भी। वो मुझे फ़ोन पर ब्लू फिल्म दिखाया करता था तो मेरे चुदने की तो बहुत इच्छा होती थी। लेकिन मैं बोल भी नहीं पाती थी बस उसका लंड पकड़ कर हिला देती थी जो बहुत लम्बा लगता था।

एक दिन उसने मुझसे कहा- मैं तेरे साथ सेक्स करना चाहता हूँ और तुझे चोदना चाहता हूँ।

पहले तो मैं गुस्सा हो गई लेकिन उसके समझाने पर मान गई। हमने एक होटल बुक करने की सोची। लेकिन लोकल होटल में जाने से हम लोग फंस सकते थे इसलिए हम लोग हल्द्वानी चले गए और हमने सुबह जाकर एक होटल बुक करवा लिया और अन्दर चले गए।

नितिन कंडोम के पैकेट ले आया था। उसने आते ही अपने लैपटॉप में एक ब्लू फिल्म चला दी, जिसे देख कर मेरी पैन्टी पूरी गीली हो गई। मैंने उसका लंड थाम लिया और रगड़ने लगी। वो आज काफी मोटा लग रहा था नितिन ने उस दिन ऐसा किया जिसकी मुझे सपने में भी उम्मीद नहीं थी।उसने मेरे कपड़े उतारे और मुझे घोड़ी बना दिया और मेरी गांड चाटने लग गया। मुझे तो जैसे धक्का लग गया। मैंने पलट कर कहा- तुम ऐसी गंदी जगह अपना मुँह क्यों डाल रहे हो?

तो वो बोला- जानेमन, तुम्हें भी तो मजा आएगा।

मैं कुछ नहीं बोली और चुपचाप घोड़ी बन गई और मजा लेने लग गई।

क्या मजा आ रहा था !

फिर वो मेरी चूत चाटने लगा। मैं तो जैसे मर ही गई, मेरा पानी छुट पड़ा और मैं सिसकारी भरने लगी। मेरी खुशी का तो ठिकाना ही नहीं था।

नितिन ने मुझे अपना लंड चूसने को दिया। पहले तो मैंने मना कर दिया फिर उसके कहने पर मैं चूसने लगी।

क्या मजा आ रहा था।

कुछ ही देर बाद मैं उसके ऊपर चढ़ी हुई थी और नितिन अपने लंड पर कंडोम लगा रहा था। मेरे चूत खुशी के मारे आँसू बहाने लगी। उसने आधा लंड मेरी चूत में डाल दिया। मैं तो अपने घर में ही बैंगन वगैरा डाला करती थी। इस वजह से मुझे दर्द कम हुआ और देखते ही देखते पूरा लण्ड मेरी बुर में धंस गया।

मेरी तो गांड फटने लगी। जैसे-तैसे मैंने अपने को सम्भाला और चुदाई के मजे लेने लगी।

अब तो नितिन भी पूरे जोश में आ गया था और जम कर मेरी चुदाई कर रहा था। मैं जीवन के मजे लेने लगी थी और नितिन अपने चरम पर पहुँच रहा था।

और एक झटके में उसने अपने लंड का अमृत छोड़ दिया और ढीला पड़ गया।

उस दिन नितिन ने मेरी तीन बार चुदाई की और हम दोनों ने जन्नत के मजे लूटे। अब नितिन मुझ पर कुछ ज्यादा ध्यान नहीं देता और मुझसे बात कभी कभी ही करता है और चुदाई भी नहीं करता। तब मैंने हार कर अपने एक दोस्त अखिल को पटा कर उससे भी चुदाई करवाई।

वो नितिन जैसा नहीं है और उसने मेरा साथ नहीं छोड़ा है उसने तो मेरी गांड भी मारी !

Women in the armies of the world