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Jul 4, 2011

Desi Erotic Story : मैं लुच्ची होने लगी

मैं लुच्ची होने लगी

प्रेषिका : सोनिया जैन

मेरा नाम सोनिया है, 26 साल की हूँ, मेरा एक भाई है, वो मुझसे दो साल बड़ा है।

बात उन दिनों की है जब मैं 18 साल की थी, तब मुझे सेक्स के बारे में कुछ भी नहीं पता था, मुझे सेक्स की बातों से भी डर लगता था।

एक दिन मैं भैया की अलमारी में कुछ ढूँढ रही थी, मुझे वहाँ से कुछ सी.डी मिली। मैंने सोचा कोई फिल्म की सी.डी होगी, मैंने प्लेयर में डाल कर चला ली। पर यह क्या- यह तो ब्लू फिल्म थी।

मुझे पहले तो बहुत डर लगा पर जब मैंने सेक्स-सीन देखे तो मुझमें जिज्ञासा जागृत हुई और मैं फिल्म देखती रही। मैंने पहली बार लड़कों को पूरा नंगा देखा, उनका लंड देखा, मुझे अच्छा लगने लगा, मेरी चूत गीली हो गई। मुझे अब लगने लगा कि मैं बच्ची नहीं रही, जवान हो गई हूँ।

उस दिन के बाद मेरी ज़िन्दगी में ऐसा बदलाव आया, मैं लुच्ची होने लगी। अब मैं रोज भैया की अलमारी से सी.डी लेकर देखने लगी हर रोज मुझे अलग-2 सी डी मिलती थी, शायद भैया अपने दोस्तों से लाते थे।

एक दिन जब मैं ब्लू फिल्म देख रही थी, मुझे बहुत मज़ा आने लगा। मैं अपनी उंगली चूत में डालने लगी और अन्दर-बाहर करने लगी, बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद मेरी चूत से सफ़ेद पानी निकलने लगा, मैं समझ चुकी थी कि अब मुझे हाथ से सेक्स करना आ गया। फिर मैं हर रोज हाथ से सेक्स करने लगी। ऐसा करने से मेरे फिगर में बदलाव आ गया, मेरी चूचियाँ बड़ी हो गई, गांड भी मोटी हो गई अब मैं पूरी जवान ही गई।

ब्लू फिल्मों में लड़कों को नंगा देखने के बाद मुझे असलियत में किसी लड़के को नंगा देखने की तमन्ना हुई, बहुत सोचने के बाद मैंने सोचा कि क्यों न भैया को ही नंगा देखा जाए।

यही सोचकर मैं भैया को नंगा देखने का मौका तलाशने लगी। भैया रात को अपने कमरे में ब्लू फिल्म देखते थे। कमरे में खिड़की भी थी जो बाहर बगीचे में खुलती थी। मैं रात को उठ कर बगीचे में चली गई और भैया के कमरे की खिड़की से देखने लगी। भैया सोने की तैयारी कर रहे थे, उन्होंने टी.वी पर ब्लू फिल्म लगाई और अपने कपड़े उतारने लगे। मैं रोमांचित हो उठी, भैया पूरे नंगे हो गए थे। इतना हैण्डसम लड़का मैंने ज़िन्दगी में नहीं देखा। भैया का लंड देखा- इतना बड़ा तो कभी ब्लू फिल्म में भी नहीं देखा। मेरी चूत गीली होने लगी, मैं अपने कमरे में वापिस चली गई और हाथ से सेक्स किया।

उस दिन के बाद मुझमें भैया से चुदने की तमन्ना होने लगी। भैया तो मुझे बच्ची समझते थे, इसलिए पहले उन्हें यह दिखाना था कि मैं बच्ची नहीं रही। अब मेरी बारी थी मुझे खुद को बिल्कुल नंगा होकर भैया को दिखाना था कि मैं कितनी सेक्सी हूँ।

भैया कॉलेज से वापिस आये, मैंने अपने कमरे का दरवाज़ा खुला छोड़कर कपड़े बदलने का नाटक किया। भैया जैसे ही मेरे कमरे के सामने से गुजरने लगे, मुझे देखकर वहीं रूक गए और मुझे कपड़े बदलते देखने लगे। मुझे अहसास हुआ भैया मेरी तरफ़ देख रहे हैं पर मैंने अपना नाटक चालू रखा। मैंने अपनी टी-शर्ट और जींस उतार दी और केवल पैंटी में खड़ी ही गई।

भैया अभी भी देख रहे थे, मुझे मज़ा आने लगा। धीरे से मैंने पैंटी भी उतार दी और भैया को अपनी जवान गांड और चूत के दर्शन करवा दिए। अचानक किसी के आने का अहसास हुआ। मम्मी आ रही थी, मैंने तुरंत कपड़े पहनने शुरू किये, भैया भी जा चुके थे पर मैंने अपना काम कर दिया था, दिखा दिया था कि उनकी बहन कितनी जवान और सेक्सी है।

अब मैं भैया से चुदने की सोचने लगी। उस दिन के बाद भैया के मन में भी तो हलचल मची होगी। मैंने सोचा कि अब अगर मैं भैया से चुदने का प्रयास करुँगी तो शायद भैया मना नहीं करेंगे।

एक दिन मम्मी-पापा बाहर गए थे, मैंने सोचा कि आज ही अच्छा मौका है।

भैया कॉलेज से वापस आये, मैं अपने कमरे में जाकर लेट गई और सोने का नाटक किया। उस दिन मैंने स्कर्ट पहन रखी थी, मैंने जानबूझ कर स्कर्ट को पूरा ऊपर उठा लिया और पैंटी भी थोड़ी सी नीचे सरका ली।

भैया मेरे कमरे के सामने से गुजरने लगे तो मुझे देखकर वहीं रुक गए, देखा कि मैं सो रही हूँ और स्कर्ट ऊपर उठी है। वो कमरे में आ गए और मेरे पास बैठ गए। मैंने सोने का नाटक जारी रखा, भैया धीरे-२ मेरी जांघों को छूने लगे, पहले ऊँगली से छुआ फिर अपना हाथ फिराने लगे।

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, धीरे-धीरे भैया अपना हाथ मेरी पैंटी पर ले आये और पैंटी पर हाथ फिराने लगे। मुझे तो जैसे पूरे बदन में करंट लग गया हो, पर मैंने सोने का नाटक जारी रखा।

भैया को लगा कि मैं तो बहुत गहरी नींद सो रही हूँ, उन्होंने हिम्मत जुटाई और धीरे-धीरे अपने होंठों को मेरे पास ले आये। भैया की गर्म साँसों का अहसास मुझे हो रहा था पर मैंने आँखें बंद रखी। भैया ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और बहुत हल्के हल्के मुझे चूमने लगे, मुझे बहुत मज़ा आने लगा।

अब भैया धीरे-धीरे अपना हाथ मेरी चूचियों तक ले आये और उन्हें पकड़ कर दबाने लगे। मेरी चूत गीली होने लगी, अब मुझसे नहीं रहा गया, मैंने आँखे खोल ली और बोली- अरे भैया ! यह क्या कर रहे हो?

भैया- सॉरी ! गलती हो गई !

मैं- गलती कैसी? मैं भी तो यही चाहती हूँ कि आप मेरे साथ सेक्स करें !

भैया- यह तू क्या कह रही है? तू मेरी सगी बहन है !

मैं- तब तो आपको और भी मज़ा आना चाहिए अपनी सगी बहन को चोदने में !

भैया- तू पागल हो गई है।

मैं- पागल नहीं, लुच्ची हो गई हूँ ! आपने बना दिया !

भैया- मैंने क्या किया?

तो फिर मैंने भैया को सारी बात बता दी।

भैया बोले- सेक्स तो हम कर लें ! मगर किसी को पता लग गया तो ?

मैं- मैं किसी को नहीं बताउंगी।

भैया- सच ! मेरी प्यारी बहन !

और भैया बहुत जोर से मुझे चूमने लगे और चूचियाँ दबाने लगे।

अब मुझमें भी हिम्मत आई और मैंने भैया की जींस का बटन-ज़िप खोल कर उनका लंड पकड़ लिया।

भैया- मेरी बहन तो सयानी हो गई है ! अब इसे मुँह में भी ले !

मैं- नहीं भैया, मुझसे मुँह में नहीं लिया जाएगा !

भैया- कोशिश तो कर !

मैंने पहले धीरे से लंड पर जीभ लगाई और फिर धीरे-धीरे मुँह में ले ही लिया और चूसने लगी।

थोड़ी देर लंड चुसवाने के बाद भैया बोले- शाबाश ! अब मेरी बारी !

और भैया मेरी टाँगें खोल कर मेरी चूत चाटने लगे।

चूत चटवाने से मैं पूरी गर्म हो गई, अब मुझसे रहा नहीं गया और बोली- अब डाल भी दो भैया !

भैया उठे और अपना लंड मेरी चूत के पास ले आए, लंड का सुपारा मेरी गीली चूत पर टिका कर हिलाने लगे और मेरा छेद ढूंढने लगे। जैसे ही लंड छेद पर गया, भैया ने जोर से झटका मारा और लंड मेरी चूत में घुसा दिया।

मैं दर्द के मारे बहुत जोर से चीखी और बोली- प्लीज़ भैया ! बाहर निकाल लो ! बहुत दर्द हो रहा है !

भैया- पहली बार चुदने पर दर्द तो होता ही है।

मुझे बहुत दर्द हो रहा था, मैं -भैया प्लीज़ निकाल लो ना !

पर भैया नहीं माने और लंड मेरी चूत के अन्दर बाहर करने लगे। मैं दर्द से चीख पड़ी। भैया ने पहले मेरे मुँह पर हाथ रख दिया, फिर हाथ हटा कर चूमने लगे और साथ में चोद भी रहे थे।

उन्होंने चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी। अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था।

मैं- मेरे प्यारे भैया, जी भर के चोद लो अपनी सगी बहन को !

थोड़ी देर चोदने के बाद भैया का वीर्य निकल गया और मेरा भी पानी निकल चुका था। भैया ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया और मुझे चूम कर पूछा- कैसा लगा?

मैं- दर्द तो हुआ पर मज़ा आया ! भैया, शायद आप पहले भी किसी के साथ कर चुके हैं?

भैया- हाँ मगर वेश्याओं के साथ ही, तेरे जैसी चूत कभी नहीं मिली !

मैं- अब वेश्याओं के पास जाने की कोई जरुरत नहीं ! मैं ही आपकी स्थाई वेश्या बन जाती हूँ !

इससे आगे की बात बाद में लिखूंगी।

“Sakshat” Low Cost Tablet Computer for Indian Students, Price Rs. 1100

sakshat_laptopThe tablet computer, known as Sakshat, which translates as “before your eyes”, launched as part of a new Rs. 46 billion “National Mission for Education“. This envisages a network of laptops from which students can access lectures, coursework and specialist help from anywhere in India, triggering a revolution in education. A number of publishers have reportedly agreed to upload portions of their textbooks on to the system.

Its launching for students across the country is hoped to bring real affordable digital empowerment to people who cannot afford computing devices normally. It had started off as a Laptop under Rs. 500, then evolved to Rs. 1500 per deviceproject. After that it became a Rs. 1600 Tablet and was set to ship in January 2011. That date wasn’t able to be kept for various reasons and a lot of skepticism regarding the project was in the air.

Kapil Sibal during the unveiling ceremony has stated that a million devices would be made available to students in 2011. The devices will be manufactured at a cost of 1500 (23 Euro) each, half of which will be paid by the government and half by the institutions that would use it.

Government(of India) announced that 10,000 (Sakshat) tablet will be delivered to IIT-Rajasthan in late June and over the next four months 90,000 more would be made available at a price of Rs 2,200/device.

The price of the tablet is going to be Rs. 2,200/- and will not be available to the general public. It will be given to children in educational institutions. Government will subsidize the cost by 50%, so a student would have to pay only Rs. 1,100for the device.

Following are the Detailed Specifications:

  • 7.0″ Touchscreensakshath
  • 2 USB ports
  • 32 GB HD
  • 2 GB RAM
  • Wi-Fi
  • Rugged casing with a rubberized feel
  • Fixed Ethernet ability
  • Mini and full USB
  • miniSD card slot
  • Subscriber Identity Module (SIM card) slot
  • Video out
  • Headphone jack
  • 2 Watts of power consumption with solar charging option
  • In-built keyboard
  • Video conferencing facility
  • Multimedia content
  • Linux Operating System (could be Android)
  • Open Office
  • SciLab
  • Option for Solar Charging
  • Internet browsing

Software

  • Android operating system
  • Educational software developed at Indian Institute of Technology
  • Web browsing, video conferencing and word processing software




Girls And Candy


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Girls who love to lick Candy
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Chinese Delicacy


Chinese Delicacy

This is real, genuine Chinese delicacy. What you see in photos are real eggs, typically duck eggs. The recipe for getting such eggs is to put eggs in quicklime, caustic soda, tea leafs, and add some salt and pepper for about 40-60 days and add some salt and pepper.
Chinese Delicacy (9 Photos)
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Awesome HDR Pics

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